अल्ला करे
कोई चटाए तुम्हें
बाबा जी की बूटियाँ
कोई ले जाए ..
गुलबशाँ बाबा की मजार पे
उतरवाए नजर
धूर दे तुमपे कोई
मरघट की राख सारी
दो नजरों का जादू उतारने को
बुलाये जादूगर
कोई बाँध के टोटका
ले जाए सारे टोने-वोने
आबे-ज़मज़म से हाय
नहलाये कोई
कोई तो करे ऐसा
फूंक दे मन्तर-वंतर
के फिर कभी न
इश्कियाए कोई.. अल्ला करे !
कोई चटाए तुम्हें
बाबा जी की बूटियाँ
कोई ले जाए ..
गुलबशाँ बाबा की मजार पे
उतरवाए नजर
धूर दे तुमपे कोई
मरघट की राख सारी
दो नजरों का जादू उतारने को
बुलाये जादूगर
कोई बाँध के टोटका
ले जाए सारे टोने-वोने
आबे-ज़मज़म से हाय
नहलाये कोई
कोई तो करे ऐसा
फूंक दे मन्तर-वंतर
के फिर कभी न
इश्कियाए कोई.. अल्ला करे !
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