क़ागज़ सींचा मैने !
Tuesday, 6 January 2015
संवेदना के चलते..
बहुत आसन था
तुम्हारा मुझमे घटना
और हमेशा के लिए जुड़ जाना
मगर तुम घटना नहीं चाहते
जुड़ते ही घुटन होती है
तुम्हारी स्वछन्दता को
बस तुम्हारी इसी संवेदना के चलते
मै घटती हूँ तुममें हर क्षण !
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