होता है !
आगाज़ भला हो तो अंजाम भला होता है...
कोई साथ हो न हो..जीवन तो रवां होता है .
स्याह जुल्फों की खुशबू में गुम हो जो कोई राही ..
उसी स्याह अंधेरों में उजालों का पता होता है.
दिल के टूटे कांच को समेटना भी सजा है..
ये टूटता है तभी जब किसी पे फ़ना होता है.
जो आँखों से बह निकले किसी के नाम पे,वो मेरे नहीं
जो मेरा होता , अश्क तो पलकों पे रुका होता है.
इश्क की दास्ताँ मुकम्मल नहीं मेरी आँखों से...
कुछ तेरे दिल से, कुछ लोगों की जुबानी ये बयां होता है .
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