मेरे नाम में लिपटे हुये वरक से
अरमानो की एक आवाज सुनाई दी है..
दिल को कोई राह नहीं मिली अब तक
देने को उसने मुझे सारी खुदाई दी है..
हाथ दे के हाथो में उसने साथ छोड़ दिया
ताउम्र जियें जिसको ऐसी जुदाई दी है ..
जाने क्या बात है अब के मौसम में
फूल के चेहरे पे शबनम की दो बूंद दिखाई दी है ..
well done... keep it up
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