Monday 16 December 2013

// इकरारनामा \\

इकरारनामा !
एक कागज़ के टुकड़े में लिपटी
रोशनाई से लिखी चंद तहरीरें
जो दिलों के दरमयां होती गुफ्तगू की                               
सच्ची और पाक गवाह हैं और रहेंगी !


ये इकरारनामा संभाल रखना..
कभी दिल जब बेचैनियत से घबरा उठे
तो इसे दराज के तहखानों से उठा लेना
और पढना ..जो न सिर्फ तसल्ली ही देगा तुम्हे
बल्कि देगा मोहब्बत को महफूज़ रखने के हौसले भी !!

कमजोर लम्हों को पुख्ता करनेवाला ये इकरारनामा
न जाने कितने ही नए परिंदों को छाँव देगा
इसका हर लफ्ज कई सदियों तक गूंजेगा
हमारे ख़ाक हो जाने पर भी ये साँसे लेगा
और बदस्तूर जारी रहेगा ये इकरार दो रूहों के बीच !!!

No comments:

Post a Comment